दिवाली में क्या करें और क्या नही!

दिवाली हर्षोल्लास के साथ सारे भारत में ही नहीं कुछ विदेशी देशों में भी मनाते है। ज्यादातर भारतीय घरों में दशहरा खत्म होते ही दिवाली की तैयारी शुरू हो जाती है। केवल घरवाले ही नहीं, स्नेहीजनों, पड़ोसियों और आस-पास के लोगों को भी त्यौहार की खुशियों में शामिल करते हैं।
दिवाली में क्या करें और क्या नही करें के बारे में हम सुनते आए है। फिर भी कुछ खास बिंदुओं पर एहतियात बरतने से खुशनुमा माहौल में कोई अनहोनी घटना घटित होने से बचा सकते हैं।

क्या नही करें 

  • जो पटाका फटा नहीं, उसे दोबारा जलाने की कोशिश न करें। यह हानिकारक हो सकता है। उसको ऐसे ही छोड़ दें और कुछ समय पश्चात पानी डाल कर बुझा दें। 
  • पटाखे और चिंगारी छोड़ने वाली चीज़ें घर के अंदर फोड़ने से बचें। 
  • पटाखे जेब में डाल कर न घूमें। जलाए बगैर भी पटाखें फूट सकते है और खतरनाक परिणाम हो सकतें है। 
  • लोहे और कांच के कंटेनर में पटाखें न जलाए। 
  • पटाखे और फुलझड़ी जलाते वक़्त सिल्क या सिंथेटिक के ज्वलनशील कपडे न पहनें।
क्या करें 

  • लेबल में लिखे निर्देशों का पालन करें। आम तौर पर लोग ऐसे निर्देशों को नज़र अंदाज़ करते हैं। 
  • पटाखे बिल्डिंग, गाड़ी, पेड़-पौधे, सूखे घास जैसे शीघ्र जलनेवाली वस्तुओं से दूर फोड़ें। 
  • ज़रुरत पड़ने पर तुरंत इस्तेमाल के लिए पानी की व्यवस्था (बाल्टी या नल) पास में ही करें। 
  • इमरजेंसी किट पास में ही रखें क्यूंकि आप को नहीं पता कब दुर्घटना घटेगी। 
  • हाथ बढ़ाकर और चेहरा हटाकर पटाका जलाएं। 
  • जलने के बाद फुलझड़ी की डंडी कुछ समय के लिए गरम रहती हैं, इसी लिए पानी डाल कर ठंडा करें।  बच्चों को गरम डंडी से दूर रखें। 
  • फर्स्ट ऐड किट पास में ही रखें। फर्स्ट ऐड उपचार के बारे में पहले से समझ होनी चाहिए। 
  • त्वचा जलने पर तुरंत उस भाग से कपड़ा हटाएं और फर्स्ट ऐड उपचार करें। 
  • जख्मी व्यक्ति को पटाखों एवं गरम चीज़ों से दूर ले जाए। 
  • जले पर बटर ग्रीस, पाउडर जैसी चीज़ों का इस्तेमाल मत करो जिससे इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है। 
  • अगर जला भाग छोटा है तो उस भाग को साफ़ रखें और बैंड-ऐड से 24 घंटो के लिए ढीला ड्रेसिंग करते रहें।
तुरंत चिकित्सा सहायता ले
  • ज्यादा जलने पर। 
  • शरीर के 10% से ज्यादा जलने पर जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। जले पर ठंडा सेकने के बजाय साफ़ मुलायम कपड़ा या टॉवल से ढक दे। 
  • आग, बिजली की तार या सॉकेट या केमिकल से जलने पर।
  • चेहरा, सर, हाथ, जोड़, या आतंरिक अव्यव जलने पर। 
  • जख्म संक्रमक दिखने पर (सूजन, मवाद, जख्म के आस-पास त्वचा लाल होना)।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *