हमारी विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज ने मानवीयता की महान मिसाल पेश की है। सुषमाजी ने पी.ओ.के में रहने वाले 24 साल के छात्र ओसामा अली को इंडियन वीसा उपलब्ध कराया ताकि गंभीर रूप से बीमार ओसामा दिल्ली के अस्पताल में अपना लिवर ट्रांसप्लांट करा सके। गौरतलब है कि ओसामा के पिता ने पाकिस्तान प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अज़ीज़ को, वीसा के लिए भारत सरकार को चिट्टी भेजने का अनुरोध किया था, लेकिन हुकूमत-ऐ-पाकिस्तान ने ठुकरा दिया। वीसा की अनुमति देते हुए सुषमाजी ने यह भी स्पष्ट किया था कि, पी.ओ.के भारत का ही हिस्सा है जिस पर पाकिस्तान ने अनाधिकृत रूप से कब्ज़ा किया हुआ है और वहां के नागरिकों के लिए पाकिस्तान की चिट्टी की ज़रुरत नहीं है।
गौरतलब यह भी है कि निर्दोष भारतीय नागरिक, कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सेना ने अंतराष्ट्रीय कानूनों का घोर उल्लंघन करते हुए फांसी की सजा सुनाई है। पाकिस्तानी जेल में वहां की सेना की यातनाएं सह रहे कुलभूषण को मिलने के लिए उनकी माँ को वीसा देने में भी पड़ोसी देश की हुकूमत कोताही बरत रही है।
यही नहीं, सीमा पर संघर्ष विराम का बार-बार उल्लंघन करते हुए पाकिस्तानी सेना लगातार फायरिंग कर भारतीय जवानों और निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार रहे हैं। सीमावर्ती इलाकों के मासूम स्कूली बच्चों को भी हैवान पाकिस्तानी सेना टारगेट कर रहे हैं।
यह निर्विवाद सच्चाई है कि पाकिस्तान आतंकवादियों की जड़ ही नहीं बल्कि स्वर्ग बन गया है। पाकिस्तानी हुकूमत आतंकवादियों एवं सेना की कटपुतली मात्र है। मानवीयता की उन लोगों से कल्पना करना ही बेकार है।
हम हिंदुस्तानी सर्वोपरि मानवीयता को प्राथमिकता देते है। नवाज़ शरीफ और सरताज अज़ीज़ से (बेकार ही सही) आग्रह करता हूँ कि कम से कम मानवीयता का पहला पाठ तो सीखो, भारतीय विदेश मंत्री से!
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