3० जून के मध्य रात्रि को, खचाखच भरे संसद के सेंट्रल हॉल पर महामहिम राष्ट्रपतिजी एवं माननीय प्रधानमंत्रीजी ने वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली का आगाज़ किया. 1947 में हमें अंग्रेज़ों से आज़ादी मिली. अब, 70 साल बाद हमें आर्थिक आज़ादी (बहुस्तरीय करों से) संभव हो पाया।
माननीय प्रधानमंत्रीजी, केंद्र सरकार एवं समस्त भारतवासियों को हार्दिक बधाई !
GST की संरंचना एवं कार्यान्वयन एक नए भारत के निर्माण में एक अति महत्त्वपूर्ण कदम हैं।
अब विकास के दर तीव्र होगा। सकल घरेलु उत्पादन में अभूतपूर्व बढ़ोतरी होगी. आम जनता हो, या व्यापारी हो या व्यवसायी, सब को बाबूगिरी एवं लालफीताशाही से छुटकारा मिलेगी. सब से महतवपूर्ण बात हैं की गरीब, किसान एवं जन सामान्य के जीवन स्तर में ख़ास सुधार होगी।
“एक देश, एक टैक्स, एक बाजार” अब सपना नहीं रह गयी, हकीकत हैं. मोदीजी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार, सपना बेचते नहीं, सपनों को हकीकत में बदलते हैं।
एक बार पुन: सब को बधाई !